पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP Singh) को सौंपी जाएगी. वर्तमान में आरसीपी सिंह राज्यसभा में संसदीय दल के नेता हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी ने समर्थन किया. हाल ही में CM नीतीश कुमार ने सिंह को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाए जाने की बात भी कही थी. नीतीश ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान यह बात कही थी कि उनके बाद सब कुछ आरसीपी सिंह ही देखेंगे.
नीतीश कुमार की पार्टी में नंबर 2 की भूमिका
यह पहला मौका था जब CM नीतीश कुमार ने दो टूक शब्दों में उनके बाद पार्टी में कौन उनका राजनीतिक वारिस होगा, इस बारे में साफ संकेत दे दिया था. वैसे भी आरसीपी सिंह को JDU में नंबर दो भी माना जाता था क्योंकि जब पार्टी की वर्चुअल बैठक का दौर जून महीने में चल रहा था, तब लोकसभा में संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के मौजूद रहने के बावजूद भाषण देने का जो क्रम बनता था, उसमें नीतीश कुमार से पहले आरसीपी सिंह भाषण देते थे और माना जाता है कि इस प्रोटोकॉल का नीतीश कुमार के निर्देश पर पालन किया जाता था.
नीतीश कुमार के प्रधान सचिव रह चुके हैं सिंह
बता दें कि चुनाव के समय सीटों का बंटवारा हो या पार्टी में प्रत्याशियों का चयन, CM नीतीश कुमार आरसीपी सिंह पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. हालांकि पार्टी में पिछले साल कार्यकर्ताओं की रैली में भीड़ जुटाने में सिंह बहुत सफल नहीं रहे थे. आरसीपी सिंह पिछले दो बार से राज्यसभा के सदस्य हैं. वह पहली बार 2010 में राज्यसभा गए थे और उसके बाद 2016 में फिर से उन्हें नीतीश कुमार ने भेजा था.
माना जाता है कि देर-सवेर जब भी JDU केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगी, तो आरसीपी सिंह का केंद्रीय मंत्री बनना तय है. नीतीश कुमार और सिंह की पहचान उनके रेल मंत्री के कार्यकाल से हैं, जब वह उनके निजी सचिव थे और इसके बाद जब नीतीश मुख्यमंत्री बने तो वह पांच वर्षों तक उनके प्रधान सचिव रहे. आरसीपी सिंह न केवल नीतीश कुमार की जाति से ही ताल्लुक रखते हैं, बल्कि वह नीतीश के परिवार के भी खास हैं.
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